Mansi savita

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लेखनी प्रतियोगिता -14-Jun-2023

दूरियां चाहे लाख आ जाय,दिल में जगह नहीं ले पाएगा कोई
तुमसा मेरी जिंदगी की अमानत कोई नही कहलाएगा
अल्फाजों की पक्की तो नही पर जात धर्म मुझे एक दिन तोड़ जाएगा
पर दिलों के जज्बात से अलग नहीं कर पाएगा
जिक्र तुम्हारे खयालों का जहन से निकल न पाएगा
मोहब्बत सच्ची थी ये बात केवल दिल जान पाएगा
आया वक्त ऐसा की सब भूलना पड़ा याद है वो रात जो 
तुम मुझसे दूर किसे और के करीब थे
हाथ पकड़ा था जो मेरा वो छोड़ किसे और का हाथ थाम रहे थे
मुझे बुरा न लगे तो तुम हजार बहाने बना लिए
जीने के वजह तुम से और तुम तो किनारे दिखा 
दिए
आए वापस मेरे करीब तो मैं आगे बड़ गई 
कंधो में सिर रख अश्क बहाने की आदत मेरी दिल को सुकून नहीं तुम दिल को रूला दिए
जो खुद किए वो कारनामे मेरी सिर रख मुझे
ही आज आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा दिए।।

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7 Comments

Punam verma

15-Jun-2023 08:12 AM

Very nice

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Abhinav ji

15-Jun-2023 07:33 AM

Very nice 👍

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Sarita Shrivastava "Shri"

14-Jun-2023 04:30 PM

वाह! बेहतरीन सुन्दर विचार प्रस्तुति👌👌🌹🌹

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